सपनों की ऊँचाई
by childbook.ai
एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम था आदित्य। आदित्य को बचपन से ही आसमान में उड़ने का बहुत शौक था। वह हमेशा अपने दोस्तों से कहता, 'एक दिन मैं बहुत ऊँचा उड़ूँगा, जैसे कि पक्षी उड़ते हैं।' लेकिन गाँव में कोई भी यह नहीं मानता था कि वह आसमान तक पहुँच सकता है। सभी कहते थे, 'तुम छोटे हो, यह तुम्हारे बस का नहीं है।'
एक दिन गाँव में एक बड़ा खेल प्रतियोगिता हुआ, जिसमें ऊँची कूद का भी एक इवेंट था। आदित्य ने तय किया कि वह इस प्रतियोगिता में भाग लेगा। लेकिन लोग हंसी उड़ाते हुए कहने लगे, 'तुम कैसे जीत सकते हो, तुम तो बहुत छोटे हो।' आदित्य ने अपनी मेहनत शुरू कर दी। रोज़ वह कड़ी ट्रेनिंग करता, और अपनी सीमाओं को तोड़ने की कोशिश करता।
उसे गिरने और थकने का डर नहीं था। वह जानता था कि अगर उसने हार मान ली, तो कभी ऊँचाई नहीं पा सकेगा। आदित्य ने अपने सपने को साकार करने के लिए दिन रात मेहनत की। उसने अपने आप को हर दिन थोड़ा और बेहतर बनाया। उसके मन में केवल एक ही बात थी, 'मुझे जीतना है।'
प्रतियोगिता के दिन आदित्य ने पूरी ताकत से कूदने की कोशिश की। पहले प्रयास में वह गिर गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। फिर से उसने कोशिश की और दूसरी बार कूदा। और इस बार उसने जीत हासिल की! आदित्य ने यह साबित कर दिया कि अगर दिल में इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।